मंगलवार, 23 जून 2009

दुर्घटना क्लेम करना हो तो .....



इस तेज़ गति से आधुनिक होते युग में अन्य सुविधाभोगी साधनों की तरह अपने वाहनों का उपयोग भी अनिवार्य सा हो गया है. और ये भी सच है की जितने अधिक वाहन बढ़ रहे हैं, दुखद रूप से दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं. छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक में सड़क दुर्घटनाओं की दर में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. विशेषकर दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में तो इन सड़क दुर्घटनाओं ने एक बड़ी समस्या का रूप ले लिया है. यही वजह है की दृघतना में आहात लोगों एवं उनके आश्रितों के लिए मुआवजे हेतु ,विशेष मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम पंचाट का गठन किया गया है,जिसमें न्यायादेहीश दुर्घटना क्लेम संबन्धी दावों का निपटारा करते हैं. यहाँ ये स्पष्ट कर दें की किसी दुर्घटना के बाद पुलिस एक आपराधिक मुकदमा तो दर्ज करती ही है जो चालाक या सम्बंधित चालकों के विरुद्ध दर्ज किया जाता है. दूसरा मुकदमा पीड़ित पक्ष को या उसके आश्रित को डालना होता है. रेलवे दुर्घटना से सम्बंधित दावों और वादों के लिए ऐसे ही विशेष पंचाट अलग से बनाये गए हैं.

आइये उन बातों को जानते हैं जो किसी को भी दुर्घटना क्लेम का दावा डालते समय ध्यान में रखनी चाहिए . यहाँ ये बता दें की दुर्घटना क्लेम वाद में एक पक्ष या तो पीड़ित स्वयं होता है या दुर्घटना में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके वैध आश्रित होते हैं और दुसरे पक्ष में वाहन का चालाक , वाहन का मालिक तथा वाहन का इन्सुरेंस होने की स्थिति में इन्सुरेंस कंपनी होती है. दुर्घटना होते ही पुलिस अपना कार्य शुरू कर देती है,. आपराधिक मुकदमा दर्ज करना, गवाहों के बयान कलमबंद करना आदि. यूँ तो प्राथमिक सूचना रिपोर्ट तथा सम्बंधित कागजातों की एक प्रति पुलिस द्वारा सम्बंधित पक्षों एवं पीडितों को उपलब्ध कराई जाती है, किन्तु स्वयं उसे हासिल करके संभाल कर रखना चाहिए. दुर्घटना के पश्चात् पीड़ित व्यक्ति तथा सम्बंधित लोग मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक रूप से परेशान होते हैं...आजकल एक प्रवृत्ति जो विवादित होने के बावजूद चलन में है वो है की दुर्घटना के कुछ समय या दिनों के पश्चात् ही कोई वकील या उसकी तरफ से कोई व्यक्ति पिसित परिवार से मिलता है और भरी भरकम मुआवजा राशि दिलवाने का आश्वासन देकर आनन-फानन में मुकदमा डालने को प्रेरित करता है. जो अधिकांशतः गलत साबित होता है. इसलिए अच्छा ये होता है की जल्दबाजी में कोई कदम न उठाया जाए.

दुर्घटना क्लेम पंचाट किसी विवाद या दावे का निपटारा कैसे करता है , क्या मापदंड अपनाया जाता है , इसकी कार्यशैली क्या होती है .इसकी चर्चा से कोई भी ये आसानी से समझ सकता है की उसको क्या और कैसे करना है..और ये भी कितनी राशि का दावा करना चाहिए.. दरअसल पंचाट दो मुख्या क्षेत्रों पर सुनवाई करता है, वैसे दुर्घटना दावे जिनमें पीड़ित व्यक्ति जीवित होता है तथा अपने दावे का अहम् गवाह और लाभार्थी भी वही होता है. दुसरे वे दावे , जिनमें दुर्घटना के समय किसी की मृत्यु हो जाती है और मुकदमा उसके आश्रितों एवं वैध उत्तराधिकारियों द्वारा डाला जाता है. हलाँकि दोनों तरह के वादों का निपटारा लगभग एक जैसे ही किया जाता है मगर कुछ विशेष बातों का अंतर तो होता ही है...

क्रमशः .............................

8 टिप्‍पणियां:

  1. अब क्रमश् हम लिख तो देते हैन मगर इन्त्ज़र का मादा भि तो होना चह्हिये न खैर अब तो रुकना ही पडेगा----अभार्

    जवाब देंहटाएं
  2. nahin nirmala jee likh to main abhi hee deta poora magar shaayad padhne wale ko kabhi kabhi lambe aalekh padhne mein boriyat see lagne lagtee hai..khaaskar jab vishay vidhi jaisa ho..kal iskaa doosra bhaag post kar doonga..

    जवाब देंहटाएं
  3. जानकारी बहुत ही सही एवं लोगों के लिये उपयोगी भी है, आगे की जानकारी का इंतजार रहेगा ।
    आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आप खि बात से सहमत हूं कि लम्बे लेख देख कर मेरे जेसे लोग तो जरुर भाग जाते है, या फ़िर पढते ही नही,लेकिन कपिला जी का कहन भी ठीक है की क्रमश के बाद भी लेख पुरा लिखना चाहिये, लोगो की टिपण्णियां आये या ना आये, क्योकि जो लोगआप का लेख पढ रहे है, उन्हे अगली कडी का भी इंतजार रहता है, ओर कई लोग बाद मै भी टिपण्णी देते है.
    आप ने बहुत ही अच्छी जानकारी दी अपने इस लेख मै, इंतजार रहेगा अगली कडी का.
    धन्यवाद
    मुझे शिकायत है
    पराया देश
    छोटी छोटी बातें
    नन्हे मुन्हे

    जवाब देंहटाएं
  5. mazo aa gayo bhaiji................


    baki tippani ...........kramsha:
    ha ha ha ha ha

    जवाब देंहटाएं
  6. Ajay ji,

    bahut hi kaam ki baatein aap batate hain, is tarah ki jaankari ki zaroorat kabhi na kabhi pad bhi sakti hai. bahut hi accha lekh likha hai aapne.
    aur aapke sheron ki to baat hi aur hai
    bahut umada likhte hain aap
    aksar aapki yipanni meri rachna se achhi ho hai
    bahut bahut badhai
    'ada'

    जवाब देंहटाएं
  7. यह तो बड़ी गंभीर जानकारी देने लग गये. आगे इन्तजार है.

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियों से उत्साह ...बढ़ता है...और बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा भी..। पोस्ट के बाबत और उससे इतर कानून से जुडे किसी भी प्रश्न , मुद्दे , फ़ैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहें तो भी स्वागत है आपका ..बेहिचक कहें , बेझिझक कहें ..