गुरुवार, 28 फ़रवरी 2008

कोर्ट कचहरी की कुछ और बातें.

इस ब्लॉग की पहली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की मैं इस ब्लॉग पर क्या सब करने और लिखने वाला हूँ। आज उसी बात को जारी रखते हुए आगे बता रहा हूँ। एक आम आदमी को अदालत , कोर्ट कचहरी थाना, पुलिस आदि सभी कुछ खामखा के झंझट लगते हैं , सच पूछिए तो होते भी यही हैं । मगर दूसरी तरफ़ ये भी एक कटु सत्य है की चाहे अनचाहे आज अदालत उसकी खबरें , कानूनी जानकारी भी एक आदमी की जरूरत बन चुकी है। चाहे अपनी वसीयत बनवाने हो या अफ्फिदावित या कहें की शपथ पत्र, या फिर कोई और काम मगर कभी ना कभी सबको इनकी जरूरत पड़ रही है।

एक और बात जो मैंने महसूस की है वो ये की ग्रामीण क्षेत्रों में तो अभी भी अदालती चक्कर का खेल उतना प्रचलित नहीं हुआ है मगर शहरी और विशेषकर महानगरों में तो ये एक अति आवश्यक काम हो गया है। मैं इस ब्लॉग पर सिलसिले से पहले विभिन्न अदालतों से उनके कार्य , उनके कार्यक्षेत्र के अनुरूप आपका परिचय कराऊंगा। इसके बाद अलग अलग भागों में जरूरी "कानूनी जानकारी " देने की कोशिश करूंगा, इसके साथ साथ आपके प्रश्नों , आपकी दुविधाओं का जवाब देने की कोशिश भी रहेगी, और हाँ निसंदेह अदालतों में फैले भ्रष्टाचार और रोचक घटनाओं का जिक्र भी करूंगा।

उम्मीद है की आपको मेरा ये प्रयास भी सार्थक और आपके लिए उपयोगी लगेगा.

बुधवार, 27 फ़रवरी 2008

इस ब्लॉग का परिचय

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

जैसा की पिछले वर्ष के अंत में आप सबसे वादा किया था की भविष्य में आप लोगों के लिए दो नए ब्लॉग लेकर उपस्थित हूउँगा, जिसमें से पहला होगा कोर्ट-कचहरी और दूसरा एक उपन्यास "मंदाकिनी " । अपने वादे के अनुरूप ही आपके सामने पहला और मेरा चौथा ब्लॉग लेकर हाजिर हूँ।

कचहरी या अदालत बहुत पहले से एक ऐसी जगह रही है जहाँ के बारे में बहुत सारी बातें कही और सूनी जाती रही हैं। कोई इसे न्याय का मन्दिर कहता है , कोई इसे लोकतंत्र का प्रहरी कहता है । कुछ लोग कहते हैं की भगवान् दुश्मन को भी अदालत के चौखट पर ना ले जाए। कहने का मतलब की जितने लोग उतने ही अलग अलग अनुभव और उनके विचार। ब्लॉग जगत पर पहले से ही कुछ ब्लोग्स अदालत या इससे संबंधित विषयों पर चल रहे हैं । मगर मैं उनसे अलग आपसे बहुत सी बातें करने सुनने वाला हूँ । पिछले दस वर्षों में अपने कार्य के दौरान मेरे अनुभव , मेरी जानकारी, मेरा ज्ञान और मेरी सहायता जो भी जितना भी मेरे पास है वो मैं आपसे बांटने वाला हूँ। मसलन एक आदमी के लिए अदालत कोर्ट कचहरी का मतलब , उसकी दिक्कत, उसके अनुभव , उसके सवाल और उनका जवाब ॥

यदि थोडा संछेप में बताऊँ टू ये कुछ ऐसा होगा, की एक आम आदमी को अपना वकील चुनने से पहला किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, गवाही देते समय क्या कैसे होना चाहिए, विवाह और तलाक, गुजारा बता, जमानत , क्लेम आदि सब कुछ धीरे धीरे आपके सामने लाने की कोशिश रहेगी, इसके साथ साथ अदालातों में घटने वाली दिलचस्प घटनाएं, फैसले , और भी बहुत कुछ।

अंत में सिर्फ़ इतना ही की मेरे अन्य ब्लोग्स की तरह आप जब इसे भी पढेंगे टू मुझे यकीन है की आपको ऐसा नहीं लगेगा की समय नष्ट हुआ.