गुरुवार, 12 मार्च 2009

दिल्ली की जिला अदालतों में हिन्दी भाषा की कार्यशाला का आयोजन

ऐसा लगता है की पिछले दिनों सरकारी काम काज में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ाने के प्रयासों के फलस्वरूप अदालतों में भी हिन्दी को प्रोत्शाहित करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। हाल में ऐसे कई नए उपायों पर काम शुरू हुआ जिससे की अदालतों में हिन्दी को बध्वा दिया जा सकेगा। पिछले दिनों जिला अदालत में स्थापित हिन्दी क्रियान्वयन समिति, दिल्ली की जिला अदालतों की हिन्दी वेब साईट, तथा लगातार जारी परिपत्रों में कर्मचारियों को हिन्दी में काम काज करने के निर्देश कुछ ऐसे ही कदम हैं।

इसी के tahat आज से दिल्ली की सभी पाँचों जिला अदालतों में पाँच दिनों की हिन्दी कार्यशाला का शुभारम्भ किया जा रहा है। जिला न्यायाधीश द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार सभी को सूचित किया गया है की दिल्ली सरकार का कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग १२ मार्च से १७ मार्च तक सभी जिला अदालतों में बारी बारी से दो दो घंटे की कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। सभी न्यायिक एवं प्राशाश्निक अधिकारियों से अनुरोध किया गया है की अपने अधीन सभी कर्म्स्चारियों को इस कार्यशाला के बारे में सूचित करें एवं भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

यहाँ गौर तलब है की , चूँकि कई कारणों से जिला अदालतों ,कम से कम दिल्ली की जिला अदालतों में तो पूर्णतया हिन्दी में काम काज करना तो अव्यवहारिक सा है। किंतु इन प्रयासों से प्रोत्साहित होकर कुछ उत्साही कर्मचारियों ने जरूर ही अपने दैनिक लेखन कार्यों , प्रार्थना पत्र आदि मिएँ हिन्दी भाषा का प्रयोग शुरू कर दिया है। देखना ये है की आख़िर कब तक राष्ट्र भाषा क़ानून की जुबान बन पाती है। वैसे यदि मुझ जैसे कर्मचारी से पूछें तो मैंने तो अपने कंप्युटर में हिन्दी सॉफ्ट वयेर डालने के प्रार्थना पत्र भेजा था मगर पता चला की लाईनेक्स पर हिन्दी का विकल्प नहीं है। हालाँकि जितने दिनों से मैं हिन्दी में काम कर रहा हूँ इतना तो पता चल गया है की हिन्दी में काम करना न तो कठिन है न ही असंभव बस थोड़ी सी कोशिश और इच्छा शक्ति होनी चाहिए।

कल से अदालतों में सुधार श्रृंख्ला की अगली कड़ियों पर लिखूंगा.

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्‍छी पहल है ... आपने सही कहा कि हिन्दी में काम करना न तो कठिन है न ही असंभव बस थोड़ी सी कोशिश और इच्छा शक्ति होनी चाहिए।

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  2. इस काम को करने का बीड़ा उठाने के लिये साधुवाद! ऐसे ही व्यक्तिगत प्रयत्नों से हिन्दी के पक्ष में माहौल बनेगा। हमारी शुभकामनाएँ !

    हिन्दी में कोई कमी नहीं है। कमी हममे है।

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