पूर्वी एवं उत्तर पूर्वी जिला अदालत ,कडकडडूमा न्यायालय ,दिल्ली |
राजधानी दिल्ली की जिला अदालतों के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत एक और उपलब्धि जुडने जा रही है । दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज़ करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लागू किया जा रहा है ।
ज्ञात हो कि , दिल्ली उच्च न्यायालय में ये व्यवस्था पहले से ही लागू है और पिछले दिनों दिल्ली नगर निगम के दफ़्तर में भी , काफ़ी वाद विवाद के बाद इसे लागू कर दिया गया । राजधानी की सभी जिला अदालतों के कर्मचारियों को पिछले दिनों माईक्रो चिप लगे हुए नए पहचान पर ज़ारी किए गए हैं । इस माईक्रो चिप लगे पहचान पत्र को बायोमेट्रिक उपस्थिति पत्र के पास ले जाने पर कर्मचारी/अधिकारी का नाम स्वत: ही स्क्रीन पर दिखाई देता । इसके पश्चात कर्मचारी /अधिकारी जैसे ही अपनी फ़िंगर प्रिंट मैच कराएंगे ,उनकी हाज़िरी समय के साथ दर्ज़ हो जाएगी । अदालतों में वर्दी लागू करने का कार्य पहले से ही लागू किया जा चुका है ।
न्यायव्यवस्था में ई प्रणाली के उपयोग को अपनाते हुए अदालतें पहले ही वीडियो कांफ़्रेंसिग ,ई कोर्ट जैसी परिकल्पनाओं पर सफ़लतापूर्वक काम कर रही हैं । अदालतों के सभी रिकार्डों को तेज़ी से अंतरजाल पर सहेजने का कार्य चल रहा है । उम्मीद की जा रही है कि अदालतों पर तेज़ गति से बढते मुकदमों के बोझ से निपटने के लिए अदालत हर स्तर पर खुद को तैयार कर रही हैं
राजस्थान की अधीनस्थ अदालतों में एक साल से अधिक समय से कंप्यूटर्स लगाने के लिए बिजली लाइनों और स्विच बोर्डों की फिटिंग की जा चुकी है। लेकिन कंप्यूटर अभी तक गायब हैं। जाने कब यहाँ उन का प्रवेश हो सकेगा। शायद केन्द्र सरकार से पैसा मिलने में देरी हो रही है। न्याय करने को राज्य सरकारें तो अपना दायित्व मानती ही नहीं हैं। वे समझती हैं यह उन पर फालतू का बोझा है। कानून और न्याय मंत्रालय किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया जाता है जिसे उस तरफ झाँकने की फुरसत नहीं होती। वैसे भी गृह मंत्री को पुलिस से फुरसत मिले तो वह न्याय की बात सोचे।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं......
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