ये हुआ करती थीं ,पुरानी अदालतें
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और ये नीचे हैं, अत्याधुनिक तकनीक , लेजर कैमरों , सीसीटीवी , वीडियोकांफ़्रेंसिंग, डौकेट सिस्टम , की स्टेटस सिस्टम और पूर्णतयावातुनुकुलित नई अदालत का चेहरा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhVSbUy2uyWqoEsyFGZzkgZadf0YwWCfC8LBbIEf-UIoad9OcLpudd0YoJO3j5O7fwT31CpiVcZtPeVRXqjcD5fWoL0-5zt0XyAON6KV1kRaMv_WhK6oNPxMOIU4Cj0dkWAirUEl3fNUDlQ/s320/mobile+pictures+047.jpg)
ऐसा कई कारणों से किया जा रहा है । अदालत की छवि बदलने के लिए, वहां आने जाने वालों की सहूलियत , तथा बेहतर वातावरण से मुकदमों के निस्तारण के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना । अब ये तो वक्त ही बताएगा ,कि ..........अदालत के ये बदलते चेहरे .......आम आदमी के चेहरे पर कितना सुकून और मुस्कुराहट ला पाएंगे ....अन्यथा ये खूबसूरती भी बदसूरत ही साबित होगी ॥