न्यायपालिका को चुस्त दुरुस्त करने और नया आधुनिक रूप देने की कवायद मैं राजधानी की जिला अदालतों में एक और नयी पहल की गयी है। दिल्ली उच्च न्यायालय के बाद अब राजधानी की सभी नौ जिला अदालतों के कर्मचारियों को वर्दी पहनाने का काम शुरू हो चुका है। ज्ञात हो की अब तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं nयायिक अधिकारियों पर ही ड्रेस कोड लागू था, मगर अब बहुत से अलग अलग कारणों से सबको वर्दी पहनाई जा रही है। पुरूष एवं महिला कर्मचारियों के लिए अलग अलग रंग तय करने के बाद उनकी सिलाई हेतु नाम लिया जा चुका है और जल्दी ही उन्हें पहना भी दिया जायेगा।
जहाँ तक इसकी पीछे के कारणों की बात है तो उसमें निसंदेह पहला कारण तो भ्रष्टाचारपर अंकुश लगना ही है। वर्दी पहने कर्मचारी कहीं भी आसानी से पहचाने जा सकेंगे। दूसरा ये की इससे अदालतों को दिया जा रहा नया चेहरा शायद ज्यादा आकर्षक बन पायेगा। ऐसा भी सोचा जा रहा है की वर्दी पहनने के बाद शायद कर्मचारियों में एक स्वाभाविक जिम्मेदारी का एहसास हो सके।
ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, की पहनावे का ये परिवर्तन कर्मचारियों के विचार और व्यवहार को कितना बदल सकेगा। अलबत्ता इतना तो तय है की राजधानी में शुरू की गयी इस पहल से अदालतों का स्वरुप कुछ आकर्षक जरूर बनेगा। इसे और कहाँ कहाँ अपनाया जाता है ये भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल मेरी सोच वाले सभी अधिकारी/कर्मचारी अपनी नयी वर्दीधारी लुक के बारे में सोच कर बेहद रोमांचित हैं.
फिर तो अदालत से दूर ही रहना चाहिए जी अब.
जवाब देंहटाएंhaan adalat se bhagwaan dushmao ko bhee bachaaye, ;par kya karein kabhee majboor hokar bhee aanaa pade to.
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