आज एक छोटी सी जानकारी आपसे बाँट रहा हूँ। कभी भी कोई आम आदमी जब भी किसी तरह के कानूनी पचड़े में पड़ता है तो जो पहली बात उसके जेहन में आती है वो होती है कि, कोई जानकार व्यक्ति को सम्पर्क किया जाए जो की इस झंझट से मुक्ति दिलवाए ऐसे में उसके दिमाग में सिर्फ़ एक ही व्यक्ति का ध्यान आता है वो है वकील । हालांकि वकीलों के बारे में कुछ भी कहना या बताना बिल्कुल उसी तरह से है जैसे की किसी क्रिकेट मैच के परिणाम के बारे में कोई घोषणा करना। लेकिन यदि कुछ मोटी मोटी बातें याद राखी जाएँ तो इतना तो जरूर हो सकता है की उसे बाद में जाकर ये अफ़सोस नहीं होगा की यदि इस तरह का वकील किया होता , या की अमुक आदमी को वकील के रूप में रखा होता तो शायद मुक़दमे का फैसला कुछ अलग होता॥
अदालत में जाने से पहले आपको ये तय करना है की आपका काम किस तरह का है और उसी के अनुरूप वकील भी आपको करना चाहिए । मसलन उदाहरण दे कर मैं समझाता हूँ, यदि किसी को सिर्फ़ चल्लान का, उसे भुगतने का, या फ़िर जमानत की अर्जी का, या फ़िर गवाही के लिए, अपनी वसीयत के लिए , या इसे तरह के और दूसरे कामों के लिए अदालत में जाना पड़ रहा है तो अच्छा होता है की उन वकीलों से सम्पर्क किया जाए जो इसे तरह के छोटे काम को अपने हाथों में लेते हैं। इसका पहला लाभ तो ये होगा की आप को बहुत ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे कम से कम उस तुलना में तो कम ही जो की कोई भी बड़ा वकील उसी काम के लिए लेगा। दूसरा ये की उसके पास आपके लिए समय का अभाव नहीं होगा।
यदि आपको पूरे मुक़दमे के लिए , उसकी एक एक कार्यवाही के लिए किसी वकील की जरूरत है तो फ़िर किसी भी तरह से अच्छा वकील ही करने की कोशिश करें। इसमें ध्यान रखने की बात सिर्फ़ ये है की सभी वकीलों का अपना अपना कार्यक्षेत्र होता है अपनी अपनी खासियत होती है कोई दीवानी मुक़दमे का स्पेसिअलिस्ट होता है तो कोई फौजदारी मुक़दमे का , कोई मुआवजे की मुकदमों का, तो अच्छा ये होता है की यदि किसी वकील के अनुरूप ही उसे कार्य दिया जाए तो उसका परिणाम अपेक्षित है की जयादा बेहतर आए।
क्रमशः ..........
अजय जी धन्यवाद एक अच्छी राय देने के लिये. भाई पहले तो बचो ऎसे झाझांटो से, अगर कभी बद किशमती से मे कही फ़स गया तो मे तो दिनेशराय द्विवेदी जी कॊ ही पकडुगा ,
जवाब देंहटाएंआप के अनुभव को बांटने का प्रयास अच्छा है। अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंaap dono kaa dhanyavaad, dinesh jee ko kyon aap mujhe bhee pakad sakte hain.
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